| |
|

This overlay will guide you through the buttons:

ॐ श्री गणेशाय नमः

Chaupai / चोपाई
गीधराज सुनि आरत बानी। रघुकुलतिलक नारि पहिचानी ॥ अधम निसाचर लीन्हे जाई। जिमि मलेछ बस कपिला गाई ॥
सीते पुत्रि करसि जनि त्रासा। करिहउँ जातुधान कर नासा ॥ धावा क्रोधवंत खग कैसें। छूटइ पबि परबत कहुँ जैसे ॥
रे रे दुष्ट ठाढ़ किन होही। निर्भय चलेसि न जानेहि मोही ॥ आवत देखि कृतांत समाना। फिरि दसकंधर कर अनुमाना ॥
की मैनाक कि खगपति होई। मम बल जान सहित पति सोई ॥ जाना जरठ जटायू एहा। मम कर तीरथ छाँड़िहि देहा ॥
सुनत गीध क्रोधातुर धावा। कह सुनु रावन मोर सिखावा ॥ तजि जानकिहि कुसल गृह जाहू। नाहिं त अस होइहि बहुबाहू ॥
राम रोष पावक अति घोरा। होइहि सकल सलभ कुल तोरा ॥ उतरु न देत दसानन जोधा। तबहिं गीध धावा करि क्रोधा ॥
धरि कच बिरथ कीन्ह महि गिरा। सीतहि राखि गीध पुनि फिरा ॥ चौचन्ह मारि बिदारेसि देही। दंड एक भइ मुरुछा तेही ॥
तब सक्रोध निसिचर खिसिआना। काढ़ेसि परम कराल कृपाना ॥ काटेसि पंख परा खग धरनी। सुमिरि राम करि अदभुत करनी ॥
सीतहि जानि चढ़ाइ बहोरी। चला उताइल त्रास न थोरी ॥ करति बिलाप जाति नभ सीता। ब्याध बिबस जनु मृगी सभीता ॥
गिरि पर बैठे कपिन्ह निहारी। कहि हरि नाम दीन्ह पट डारी ॥ एहि बिधि सीतहि सो लै गयऊ। बन असोक महँ राखत भयऊ ॥
Doha / दोहा
दो. हारि परा खल बहु बिधि भय अरु प्रीति देखाइ। तब असोक पादप तर राखिसि जतन कराइ ॥ २९(क) ॥

Add to Playlist

Practice Later

No Playlist Found

Create a Verse Post


namo namaḥ!

भाषा चुने (Choose Language)

namo namaḥ!

Sign Up to practice more than 60 Vedic Scriptures and 100 of chants, one verse at a time.

Login to track your learning and teaching progress.


Sign In