Ram Charita Manas

Bala-Kanda

Importance of Maa Parvati in the examination of Saptarishis.

ॐ श्री परमात्मने नमः


This overlay will guide you through the buttons:

संस्कृत्म
A English

ॐ श्री गणेशाय नमः

Chaupai / चोपाई

रिषिन्ह गौरि देखी तहँ कैसी । मूरतिमंत तपस्या जैसी ॥ बोले मुनि सुनु सैलकुमारी । करहु कवन कारन तपु भारी ॥

Chapter : 22 Number : 81

केहि अवराधहु का तुम्ह चहहू । हम सन सत्य मरमु किन कहहू ॥ कहत बचत मनु अति सकुचाई । हँसिहहु सुनि हमारि जड़ताई ॥

Chapter : 22 Number : 81

मनु हठ परा न सुनइ सिखावा । चहत बारि पर भीति उठावा ॥ नारद कहा सत्य सोइ जाना । बिनु पंखन्ह हम चहहिं उड़ाना ॥

Chapter : 22 Number : 81

देखहु मुनि अबिबेकु हमारा । चाहिअ सदा सिवहि भरतारा ॥

Chapter : 22 Number : 81

Doha / दोहा

दो. सुनत बचन बिहसे रिषय गिरिसंभव तब देह । नारद कर उपदेसु सुनि कहहु बसेउ किसु गेह ॥ ७८ ॥

Chapter : 22 Number : 82

Chaupai / चोपाई

दच्छसुतन्ह उपदेसेन्हि जाई । तिन्ह फिरि भवनु न देखा आई ॥ चित्रकेतु कर घरु उन घाला । कनककसिपु कर पुनि अस हाला ॥

Chapter : 22 Number : 82

नारद सिख जे सुनहिं नर नारी । अवसि होहिं तजि भवनु भिखारी ॥ मन कपटी तन सज्जन चीन्हा । आपु सरिस सबही चह कीन्हा ॥

Chapter : 22 Number : 82

तेहि कें बचन मानि बिस्वासा । तुम्ह चाहहु पति सहज उदासा ॥ निर्गुन निलज कुबेष कपाली । अकुल अगेह दिगंबर ब्याली ॥

Chapter : 22 Number : 82

कहहु कवन सुखु अस बरु पाएँ । भल भूलिहु ठग के बौराएँ ॥ पंच कहें सिवँ सती बिबाही । पुनि अवडेरि मराएन्हि ताही ॥

Chapter : 22 Number : 82

Doha / दोहा

दो. अब सुख सोवत सोचु नहि भीख मागि भव खाहिं । सहज एकाकिन्ह के भवन कबहुँ कि नारि खटाहिं ॥ ७९ ॥

Chapter : 22 Number : 83

Chaupai / चोपाई

अजहूँ मानहु कहा हमारा । हम तुम्ह कहुँ बरु नीक बिचारा ॥ अति सुंदर सुचि सुखद सुसीला । गावहिं बेद जासु जस लीला ॥

Chapter : 22 Number : 83

दूषन रहित सकल गुन रासी । श्रीपति पुर बैकुंठ निवासी ॥ अस बरु तुम्हहि मिलाउब आनी । सुनत बिहसि कह बचन भवानी ॥

Chapter : 22 Number : 83

सत्य कहेहु गिरिभव तनु एहा । हठ न छूट छूटै बरु देहा ॥ कनकउ पुनि पषान तें होई । जारेहुँ सहजु न परिहर सोई ॥

Chapter : 22 Number : 83

नारद बचन न मैं परिहरऊँ । बसउ भवनु उजरउ नहिं डरऊँ ॥ गुर कें बचन प्रतीति न जेही । सपनेहुँ सुगम न सुख सिधि तेही ॥

Chapter : 22 Number : 83

Doha / दोहा

दो. महादेव अवगुन भवन बिष्नु सकल गुन धाम । जेहि कर मनु रम जाहि सन तेहि तेही सन काम ॥ ८० ॥

Chapter : 22 Number : 84

Chaupai / चोपाई

जौं तुम्ह मिलतेहु प्रथम मुनीसा । सुनतिउँ सिख तुम्हारि धरि सीसा ॥ अब मैं जन्मु संभु हित हारा । को गुन दूषन करै बिचारा ॥

Chapter : 22 Number : 84

जौं तुम्हरे हठ हृदयँ बिसेषी । रहि न जाइ बिनु किएँ बरेषी ॥ तौ कौतुकिअन्ह आलसु नाहीं । बर कन्या अनेक जग माहीं ॥

Chapter : 22 Number : 84

जन्म कोटि लगि रगर हमारी । बरउँ संभु न त रहउँ कुआरी ॥ तजउँ न नारद कर उपदेसू । आपु कहहि सत बार महेसू ॥

Chapter : 22 Number : 84

मैं पा परउँ कहइ जगदंबा । तुम्ह गृह गवनहु भयउ बिलंबा ॥ देखि प्रेमु बोले मुनि ग्यानी । जय जय जगदंबिके भवानी ॥

Chapter : 22 Number : 84

Doha / दोहा

दो. तुम्ह माया भगवान सिव सकल जगत पितु मातु । नाइ चरन सिर मुनि चले पुनि पुनि हरषत गातु ॥ ८१ ॥

Chapter : 22 Number : 85

Chaupai / चोपाई

जाइ मुनिन्ह हिमवंतु पठाए । करि बिनती गिरजहिं गृह ल्याए ॥ बहुरि सप्तरिषि सिव पहिं जाई । कथा उमा कै सकल सुनाई ॥

Chapter : 22 Number : 85

भए मगन सिव सुनत सनेहा । हरषि सप्तरिषि गवने गेहा ॥ मनु थिर करि तब संभु सुजाना । लगे करन रघुनायक ध्याना ॥

Chapter : 22 Number : 85

तारकु असुर भयउ तेहि काला । भुज प्रताप बल तेज बिसाला ॥ तेंहि सब लोक लोकपति जीते । भए देव सुख संपति रीते ॥

Chapter : 22 Number : 85

अजर अमर सो जीति न जाई । हारे सुर करि बिबिध लराई ॥ तब बिरंचि सन जाइ पुकारे । देखे बिधि सब देव दुखारे ॥

Chapter : 22 Number : 85

Doha / दोहा

दो. सब सन कहा बुझाइ बिधि दनुज निधन तब होइ । संभु सुक्र संभूत सुत एहि जीतइ रन सोइ ॥ ८२ ॥

Chapter : 22 Number : 86

Chaupai / चोपाई

मोर कहा सुनि करहु उपाई । होइहि ईस्वर करिहि सहाई ॥ सतीं जो तजी दच्छ मख देहा । जनमी जाइ हिमाचल गेहा ॥

Chapter : 22 Number : 86

तेहिं तपु कीन्ह संभु पति लागी । सिव समाधि बैठे सबु त्यागी ॥ जदपि अहइ असमंजस भारी । तदपि बात एक सुनहु हमारी ॥

Chapter : 22 Number : 86

पठवहु कामु जाइ सिव पाहीं । करै छोभु संकर मन माहीं ॥ तब हम जाइ सिवहि सिर नाई । करवाउब बिबाहु बरिआई ॥

Chapter : 22 Number : 86

एहि बिधि भलेहि देवहित होई । मर अति नीक कहइ सबु कोई ॥ अस्तुति सुरन्ह कीन्हि अति हेतू । प्रगटेउ बिषमबान झषकेतू ॥

Chapter : 22 Number : 86

Add to Playlist

Practice Later

No Playlist Found

Create a Verse Post


namo namaḥ!

भाषा चुने (Choose Language)

Gyaandweep Gyaandweep

namo namaḥ!

Sign Up to explore more than 35 Vedic Scriptures, one verse at a time.

Login to track your learning and teaching progress.


Sign In