छं. भए कामबस जोगीस तापस पावँरन्हि की को कहै । देखहिं चराचर नारिमय जे ब्रह्ममय देखत रहे ॥ अबला बिलोकहिं पुरुषमय जगु पुरुष सब अबलामयं । दुइ दंड भरि ब्रह्मांड भीतर कामकृत कौतुक अयं ॥
छं. जोगि अकंटक भए पति गति सुनत रति मुरुछित भई । रोदति बदति बहु भाँति करुना करति संकर पहिं गई । अति प्रेम करि बिनती बिबिध बिधि जोरि कर सन्मुख रही । प्रभु आसुतोष कृपाल सिव अबला निरखि बोले सही ॥
Add to Playlist
Practice Later
No Playlist Found
Create a Verse Post
Shloka QR Code
🔗
🪔 Powered by Gyaandweep.com
namo namaḥ!
भाषा चुने(Choose Language)
namo namaḥ!
Sign Up to practice more than 100 Vedic Scriptures and 1000s of chants, one verse at a time.
Login to track your learning and teaching progress.