ॐ श्री परमात्मने नमः
ॐ श्री गणेशाय नमः
Doha/ दोहा
दो. कछु मारे कछु घायल कछु गढ़ चढ़े पराइ। गर्जहिं भालु बलीमुख रिपु दल बल बिचलाइ ॥ ४७ ॥
Chaupai / चोपाई
निसा जानि कपि चारिउ अनी। आए जहाँ कोसला धनी ॥ राम कृपा करि चितवा सबही। भए बिगतश्रम बानर तबही ॥
उहाँ दसानन सचिव हँकारे। सब सन कहेसि सुभट जे मारे ॥ आधा कटकु कपिन्ह संघारा। कहहु बेगि का करिअ बिचारा ॥
माल्यवंत अति जरठ निसाचर। रावन मातु पिता मंत्री बर ॥ बोला बचन नीति अति पावन। सुनहु तात कछु मोर सिखावन ॥
जब ते तुम्ह सीता हरि आनी। असगुन होहिं न जाहिं बखानी ॥ बेद पुरान जासु जसु गायो। राम बिमुख काहुँ न सुख पायो ॥
Doha/ दोहा
दो. हिरन्याच्छ भ्राता सहित मधु कैटभ बलवान। जेहि मारे सोइ अवतरेउ कृपासिंधु भगवान ॥ ४८(क) ॥
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