| |
|

This overlay will guide you through the buttons:

ॐ श्री गणेशाय नमः

Chaupai / चोपाई
उहाँ राम लछिमनहिं निहारी। बोले बचन मनुज अनुसारी ॥ अर्ध राति गइ कपि नहिं आयउ। राम उठाइ अनुज उर लायउ ॥
सकहु न दुखित देखि मोहि काऊ। बंधु सदा तव मृदुल सुभाऊ ॥ मम हित लागि तजेहु पितु माता। सहेहु बिपिन हिम आतप बाता ॥
सो अनुराग कहाँ अब भाई। उठहु न सुनि मम बच बिकलाई ॥ जौं जनतेउँ बन बंधु बिछोहू। पिता बचन मनतेउँ नहिं ओहू ॥
सुत बित नारि भवन परिवारा। होहिं जाहिं जग बारहिं बारा ॥ अस बिचारि जियँ जागहु ताता। मिलइ न जगत सहोदर भ्राता ॥
जथा पंख बिनु खग अति दीना। मनि बिनु फनि करिबर कर हीना ॥ अस मम जिवन बंधु बिनु तोही। जौं जड़ दैव जिआवै मोही ॥
जैहउँ अवध कवन मुहु लाई। नारि हेतु प्रिय भाइ गँवाई ॥ बरु अपजस सहतेउँ जग माहीं। नारि हानि बिसेष छति नाहीं ॥
अब अपलोकु सोकु सुत तोरा। सहिहि निठुर कठोर उर मोरा ॥ निज जननी के एक कुमारा। तात तासु तुम्ह प्रान अधारा ॥
सौंपेसि मोहि तुम्हहि गहि पानी। सब बिधि सुखद परम हित जानी ॥ उतरु काह दैहउँ तेहि जाई। उठि किन मोहि सिखावहु भाई ॥
बहु बिधि सिचत सोच बिमोचन। स्त्रवत सलिल राजिव दल लोचन ॥ उमा एक अखंड रघुराई। नर गति भगत कृपाल देखाई ॥
Sortha/ सोरठा
सो. प्रभु प्रलाप सुनि कान बिकल भए बानर निकर। आइ गयउ हनुमान जिमि करुना महँ बीर रस ॥ ६१ ॥
Chaupai / चोपाई
हरषि राम भेंटेउ हनुमाना। अति कृतग्य प्रभु परम सुजाना ॥ तुरत बैद तब कीन्ह उपाई। उठि बैठे लछिमन हरषाई ॥
हृदयँ लाइ प्रभु भेंटेउ भ्राता। हरषे सकल भालु कपि ब्राता ॥ कपि पुनि बैद तहाँ पहुँचावा। जेहि बिधि तबहिं ताहि लइ आवा ॥

Add to Playlist

Practice Later

No Playlist Found

Create a Verse Post


namo namaḥ!

भाषा चुने (Choose Language)

namo namaḥ!

Sign Up to practice more than 60 Vedic Scriptures and 100 of chants, one verse at a time.

Login to track your learning and teaching progress.


Sign In