Ram Charita Manas

Lanka-Kanda

Coronation of Vibhishana

ॐ श्री परमात्मने नमः


This overlay will guide you through the buttons:

संस्कृत्म
A English

ॐ श्री गणेशाय नमः

Chaupai / चोपाई

आइ बिभीषन पुनि सिरु नायो। कृपासिंधु तब अनुज बोलायो ॥ तुम्ह कपीस अंगद नल नीला। जामवंत मारुति नयसीला ॥

Chapter : 31 Number : 137

सब मिलि जाहु बिभीषन साथा। सारेहु तिलक कहेउ रघुनाथा ॥ पिता बचन मैं नगर न आवउँ। आपु सरिस कपि अनुज पठावउँ ॥

Chapter : 31 Number : 137

तुरत चले कपि सुनि प्रभु बचना। कीन्ही जाइ तिलक की रचना ॥ सादर सिंहासन बैठारी। तिलक सारि अस्तुति अनुसारी ॥

Chapter : 31 Number : 137

जोरि पानि सबहीं सिर नाए। सहित बिभीषन प्रभु पहिं आए ॥ तब रघुबीर बोलि कपि लीन्हे। कहि प्रिय बचन सुखी सब कीन्हे ॥

Chapter : 31 Number : 137

Chanda / छन्द

छं. किए सुखी कहि बानी सुधा सम बल तुम्हारें रिपु हयो। पायो बिभीषन राज तिहुँ पुर जसु तुम्हारो नित नयो ॥ मोहि सहित सुभ कीरति तुम्हारी परम प्रीति जो गाइहैं। संसार सिंधु अपार पार प्रयास बिनु नर पाइहैं ॥

Chapter : 31 Number : 138

Doha/ दोहा

दो. प्रभु के बचन श्रवन सुनि नहिं अघाहिं कपि पुंज। बार बार सिर नावहिं गहहिं सकल पद कंज ॥ १०६ ॥

Chapter : 31 Number : 139

Add to Playlist

Practice Later

No Playlist Found

Create a Verse Post


namo namaḥ!

भाषा चुने (Choose Language)

Gyaandweep Gyaandweep

namo namaḥ!

Sign Up to practice more than 60 Vedic Scriptures and 100 of chants, one verse at a time.

Login to track your learning and teaching progress.


Sign In