Ram Charita Manas

Lanka-Kanda

Vibhishana showering clothes for monkeys and bears. They accept them and starts wearing them.

ॐ श्री परमात्मने नमः


This overlay will guide you through the buttons:

संस्कृत्म
A English

ॐ श्री गणेशाय नमः

Chaupai / चोपाई

बहुरि बिभीषन भवन सिधायो। मनि गन बसन बिमान भरायो ॥ लै पुष्पक प्रभु आगें राखा। हँसि करि कृपासिंधु तब भाषा ॥

Chapter : 35 Number : 154

चढ़ि बिमान सुनु सखा बिभीषन। गगन जाइ बरषहु पट भूषन ॥ नभ पर जाइ बिभीषन तबही। बरषि दिए मनि अंबर सबही ॥

Chapter : 35 Number : 154

जोइ जोइ मन भावइ सोइ लेहीं। मनि मुख मेलि डारि कपि देहीं ॥ हँसे रामु श्री अनुज समेता। परम कौतुकी कृपा निकेता ॥

Chapter : 35 Number : 154

Doha/ दोहा

दो. मुनि जेहि ध्यान न पावहिं नेति नेति कह बेद। कृपासिंधु सोइ कपिन्ह सन करत अनेक बिनोद ॥ ११७(क) ॥

Chapter : 35 Number : 155

उमा जोग जप दान तप नाना मख ब्रत नेम। राम कृपा नहि करहिं तसि जसि निष्केवल प्रेम ॥ ११७(ख) ॥

Chapter : 35 Number : 155

Chaupai / चोपाई

भालु कपिन्ह पट भूषन पाए। पहिरि पहिरि रघुपति पहिं आए ॥ नाना जिनस देखि सब कीसा। पुनि पुनि हँसत कोसलाधीसा ॥

Chapter : 35 Number : 155

चितइ सबन्हि पर कीन्हि दाया। बोले मृदुल बचन रघुराया ॥ तुम्हरें बल मैं रावनु मार् यो। तिलक बिभीषन कहँ पुनि सार् यो ॥

Chapter : 35 Number : 155

निज निज गृह अब तुम्ह सब जाहू। सुमिरेहु मोहि डरपहु जनि काहू ॥ सुनत बचन प्रेमाकुल बानर। जोरि पानि बोले सब सादर ॥

Chapter : 35 Number : 155

प्रभु जोइ कहहु तुम्हहि सब सोहा। हमरे होत बचन सुनि मोहा ॥ दीन जानि कपि किए सनाथा। तुम्ह त्रेलोक ईस रघुनाथा ॥

Chapter : 35 Number : 155

सुनि प्रभु बचन लाज हम मरहीं। मसक कहूँ खगपति हित करहीं ॥ देखि राम रुख बानर रीछा। प्रेम मगन नहिं गृह कै ईछा ॥

Chapter : 35 Number : 155

Add to Playlist

Practice Later

No Playlist Found

Create a Verse Post


namo namaḥ!

भाषा चुने (Choose Language)

Gyaandweep Gyaandweep

namo namaḥ!

Sign Up to explore more than 35 Vedic Scriptures, one verse at a time.

Login to track your learning and teaching progress.


Sign In