Ram Charita Manas

Lanka-Kanda

Description of Shri Ram's army and moonrise on Subel mountain.

ॐ श्री परमात्मने नमः


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संस्कृत्म
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ॐ श्री गणेशाय नमः

Chaupai / चोपाई

सिखर एक उतंग अति देखी। परम रम्य सम सुभ्र बिसेषी ॥ तहँ तरु किसलय सुमन सुहाए। लछिमन रचि निज हाथ डसाए ॥

Chapter : 5 Number : 12

ता पर रूचिर मृदुल मृगछाला। तेहीं आसान आसीन कृपाला ॥ प्रभु कृत सीस कपीस उछंगा। बाम दहिन दिसि चाप निषंगा ॥

Chapter : 5 Number : 12

दुहुँ कर कमल सुधारत बाना। कह लंकेस मंत्र लगि काना ॥ बड़भागी अंगद हनुमाना। चरन कमल चापत बिधि नाना ॥

Chapter : 5 Number : 12

प्रभु पाछें लछिमन बीरासन। कटि निषंग कर बान सरासन ॥

Chapter : 5 Number : 12

Doha/ दोहा

दो. एहि बिधि कृपा रूप गुन धाम रामु आसीन। धन्य ते नर एहिं ध्यान जे रहत सदा लयलीन ॥ ११(क) ॥

Chapter : 5 Number : 13

पूरब दिसा बिलोकि प्रभु देखा उदित मंयक। कहत सबहि देखहु ससिहि मृगपति सरिस असंक ॥ ११(ख) ॥

Chapter : 5 Number : 13

Chaupai / चोपाई

पूरब दिसि गिरिगुहा निवासी। परम प्रताप तेज बल रासी ॥ मत्त नाग तम कुंभ बिदारी। ससि केसरी गगन बन चारी ॥

Chapter : 5 Number : 13

बिथुरे नभ मुकुताहल तारा। निसि सुंदरी केर सिंगारा ॥ कह प्रभु ससि महुँ मेचकताई। कहहु काह निज निज मति भाई ॥

Chapter : 5 Number : 13

कह सुग़ीव सुनहु रघुराई। ससि महुँ प्रगट भूमि कै झाँई ॥ मारेउ राहु ससिहि कह कोई। उर महँ परी स्यामता सोई ॥

Chapter : 5 Number : 13

कोउ कह जब बिधि रति मुख कीन्हा। सार भाग ससि कर हरि लीन्हा ॥ छिद्र सो प्रगट इंदु उर माहीं। तेहि मग देखिअ नभ परिछाहीं ॥

Chapter : 5 Number : 13

प्रभु कह गरल बंधु ससि केरा। अति प्रिय निज उर दीन्ह बसेरा ॥ बिष संजुत कर निकर पसारी। जारत बिरहवंत नर नारी ॥

Chapter : 5 Number : 13

Doha/ दोहा

दो. कह हनुमंत सुनहु प्रभु ससि तुम्हारा प्रिय दास। तव मूरति बिधु उर बसति सोइ स्यामता अभास ॥ १२(क) ॥

Chapter : 5 Number : 14

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